हिम्मत है अगर, जुर्रत है अगर
तू खा ले कसम कुछ कर के गुजर
गुमसुम ना भटक छुपकर - छुपकर
दुनिया को दिखा जो है भीतर
तू रख ले कदम नयी राहो पर
कर पार डगर चढ जा उपर
तू खुली हवा से बाते कर
खिलाखिला के हस तुझे किस का डर ?
तू कडी धूप-सर्दी-बारीश का
मजा ले , तू जी ले हर पल
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